यूपी पंचायत चुनाव के आरक्षण की सूची जारी
25 मार्च को हो सकता है तारीखों का ऐलान, जानें कब से शुरू होगा नामांकन
उत्तर प्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (UP Gram Panchayat Chunav 2021) के लिए जारी आरक्षण सूची पर आपत्तियां दर्ज की जा रही है. 8 मार्च तक आपत्तियां ली जाएगी. उसके बाद 12 मार्च को उनका निस्तारण करते हुए 15 मार्च तक सभी ग्राम पंचायतों की फाइनल आरक्षण की लिस्ट प्रकाशित कर दी जाएगी. आरक्षण की फाइनल लिस्ट मिलने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग 25-26 मार्च को पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी कर सकता है. जानकारी के मुताबिक होली के बाद नामांकन दाखिले का सिलसिला शुरू हो जाएगा. इस बार चार चरणों में पंचायत चुनाव होने की संभावना है.
इस बार एक जिला एक चरण की तर्ज पर होगी वोटिंग
गौरतलब है कि इस बार निर्वाचन आयोग ने एक जिला एक चरण की तर्ज पर चुनाव कराने की तैयारी की है. इसके तहत सभी मंडलों के अंतर्गत आने वाले जिलों में सभी पदों के लिए एक ही चरण में मतदान होंगे. राज्य निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में सभी जिलों के डीएम और मंडलायुक्त को निर्देश भी जारी कर दिया है.
गौरतलब है कि इस बार निर्वाचन आयोग ने एक जिला एक चरण की तर्ज पर चुनाव कराने की तैयारी की है. इसके तहत सभी मंडलों के अंतर्गत आने वाले जिलों में सभी पदों के लिए एक ही चरण में मतदान होंगे. राज्य निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में सभी जिलों के डीएम और मंडलायुक्त को निर्देश भी जारी कर दिया है.
पंचायत चुनाव (UP Panchayat Elections 2021) को लेकर उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में सीटों का आरक्षण तय करने की प्रक्रिया अपने अंतिम दौर में है। इसी सप्ताह सभी जिले अपने यहां के आरक्षण तय करके उन पर आपत्तियां मांगने की प्रक्रिया पूरी कर लेंगे। पंचायती राज विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक कुछ जिलों ने अपने यहां अनंतिम सूची जारी करके उस पर आपत्तियां मांगनी शुरू भी कर दी हैं, जबकि बाकी भी कुछ एक दिन में इस दिशा में आगे बढ़ चलेंगे।
पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि जिलों को आरक्षण तय करके आपत्तियां मांगने और उन आपत्तियों पर विचार करके फाइनल आरक्षण तय करना है। इसे शासन को उन्हें 15 मार्च तक उपलब्ध करवाना है। विभाग के पास जो जानकारी है, उसके मुताबिक कुछ जिलों में आरक्षण की अनंतिम सूची जारी करके उसपर आपत्तियां ली जा रही हैं। बाकी जिले एक-दो दिन में अनंतिम आरक्षण तय करके उसे जारी करेंगे और जिलों में आपत्तियां मांगेंगे। जिलों में अनंतिम आरक्षण पर आपत्तियां दर्ज करवाने के लिए पांच से छह दिन का वक्त दिया जाएगा।
सूत्र बताते हैं कि जिलों से आरक्षण की सूची शासन और निदेशालय भेजे जाने के बाद भी उसका परीक्षण उच्च स्तर पर करवाया जाएगा। शासन की मंशा है कि पिछली बार जो आरक्षण था, उसे तो बदला ही जाए और यह भी देखा जाए कि वर्ष 1995 के बाद से वहां आरक्षण की क्या-क्या व्यवस्था रही है। अगर कोई आरक्षित वर्ग वहां आरक्षण पाने से चूक गया हो, तो उसे आरक्षण में प्राथमिकता दी जाए। इसके निर्देश जिलों में तो गए हैं, लेकिन जिलों से आरक्षण तय होकर आने के बाद एक बार फिर इन्हीं मापदंडों पर इनका परीक्षण किया जाएगा। इसके बाद शासन आरक्षण की फाइनल सूची जारी करेगा।
ग्राम प्रधान के चुनाव लड़ने के लिए 2500 रुपये चाहिए पंचायत चुनाव में खर्च की लिमिट आयोग ने तय की उत्तर प्रदेश में होने जा रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के आरक्षण की सूची जिले स्तर पर जारी की जा रही है, लेकिन फाइनल सूची 15 मार्च को जारी होगी. इसी के बाद सूबे में पंचायत चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी कर दी जाएगी. ऐसे में चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले प्रत्याशी 650 रुपये से लेकर 4500 रुपये खर्च कर के भी चुनाव लड़ सकते हैं. हालांकि, आरक्षित वर्ग में आने वाले लोगों को आधा पैसा ही जमा करना होगा.
उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक ग्राम पंचायत सदस्य पद के प्रत्याशी को 150 रुपये नामांकन पत्र का शुल्क और 500 रुपये की जमानत राशि देनी होगी. इस तरह से कुल 650 रुपये हैं तो पंचायत प्रत्याशी के लिए चुनावी मैदान में उतर सकते हैं. वहीं, ग्राम प्रधान पद के प्रत्याशी को नामांकन पत्र का 300 रुपये शुल्क और 2000 रुपये जमानत राशि अदा करनी होगी. एक तरह प्रधानी के चुनाव के लिए 2300 रुपये की व्यवस्था कर सकते हैं तो चुनाव में किस्मत आजमा सकते हैं.
बीडीसी-ब्लाक प्रमुख के लिए कितनी जमानत राशि?
ग्राम प्रधान की तरह ही क्षेत्र पंचायत सदस्य यानी बीडीसी के लिए भी 300 रुपये नामांकन पत्र का शुल्क और 2000 रुपये की जमानत राशि जमा करनी होगी. ऐसे ही जिला पंचायत सदस्य को 500 रुपये नामांकन पत्र का शुल्क और 4000 रुपये जमानत राशि अदा करने होंगे यानी कुल 4500 रुपये की जमा करने होंगे. वहीं, अगर उम्मीदवार अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग अथवा महिला वर्ग से है तो उन्हें नामांकन पत्र का शुल्क और जमानत राशि की निर्धारित राशि की आधी धनराशि देनी होगी.
पंचायत चुनाव में खर्च की सीमा तय है
पंचायत चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी पदों के प्रत्याशियों की चुनाव खर्च सीमा तय कर रखी है. वर्ष 2015 में प्रत्याशियों के चुनाव खर्च की धनराशि की सीमा संशोधित की गई थी, जो इस बार के चुनाव में लागू रहेगी. ग्राम पंचायत सदस्य के ज्यादा से ज्यादा 10,000 रुपये खर्च कर सकते हैं जबकि ग्राम प्रधान और बीडीसी प्रत्याशी 75000 रुपये निर्धारित किए गए हैं. जिला पंचाचत सदस्य को डेढ़ लाख खर्च करने की राशि तय है और ब्लाक प्रमुख के लिए दो लाख रुपये खर्च कर सकते हैं जबकि जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए 4 लाख रुपये खर्च करने की सीमा तय की गई है.
चुनाव लड़ने वालों को ये ब्यौरा देना होगा
पंचायत चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को नामांकन दाखिल के समय अपनी सम्पत्ति के ब्यौरे, आपराधिक पृष्ठभूमि, गृहकर व अन्य किसी कर की बकाएदारी का भी विवरण देना होगा. ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत सदस्य के पद पर खड़े होने वाले प्रत्याशियों को नामांकन के समय किसी तरह का कोई शपथ पत्र नहीं देना होगा बल्कि सदस्य पद के यह प्रत्याशी इन सभी सूचनाओं के बारे में स्वत:घोषणा करेंगे.
वहीं, ग्राम प्रधान, ब्लाक प्रमुख जिला पंचायत अध्यक्ष को सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वीकृत प्रारूप पर शिक्षा, सम्पत्ति का ब्यौरा, किसी कर की बकाएदारी, किसी तरह का कोई मुकदमा तो नहीं है, है तो उसकी क्या स्थिति है आदि का ब्यौरा देना होगा.
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